आज के आधुनिक युग में देखा जाए तो मानव समाज का एक तबका ऐसा है जो केवल ग्लैमर और दिखावटी चमक के लिए रुपये को पानी की तरह बर्बाद कर देता है, वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अद्वितीय ज्ञान की विचारधारा संत के अनुयायियों से प्रेरित है।
रामपाल जी महाराज जी, बहुत ही दहेज रहित विवाह “रमानी” बिना किसी लेन-देन यानि बिना दहेज के संपन्न होते हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी अपने गुरुदेव (संत रामपाल जी महाराज जी) के वचनों का पालन करते हुए मानव समाज के सामने एक विवाह (रमानी) प्रस्तुत कर रहे हैं जो वास्तव में देखने और प्रेरित करने के योग्य है। इन दहेज रहित विवाह ‘रमणी’ में न कोई डीजे, न बैंड, न बारात, न भात, न मंडप, न फेरे आदि, बल्कि अपने गुरुदेव परम संत रामपाल जी महाराज जी के चेहरे के साथ कोई शो नहीं है। “17 मिनट की आवाज (दूसरे शब्दों में रमानी कहा जाता है)” एक गवाह के रूप में, सुख, दुख और किसी भी तरह की बुराई (जैसे चोरी – रिश्वत, रिश्वत), भ्रष्टाचार, बेईमानी, धोखाधड़ी में एक दूसरे का साथ देना ।
रमानी यह 17 मिनट की असुर निकंदन रमानी है, जो गोलों के स्थान पर बोली जाती है। जिसमें सभी 33 करोड़ देवताओं और देवताओं और पूर्ण भगवान कविर्देव का आह्वान और स्तुति की जाती है। जिससे उस विवाहित जोड़े (दूल्हा-दुल्हन) की सारी शक्ति हमेशा रक्षा करती है। जिससे जीवन के कष्टों का आसानी से निवारण हो सके ।
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